➖️✏️✏️ग़ज़ल ✏️✏️➖️ 2122 1212 22 जिंदगी को तबाह करने मे बस लगा है गुनाह करने मे ---*---*---*--- यू जवानी गुज़ार दी सारी काम सारे सियाह करने मे ---*---*---*--- आज माफ़ी ख़ुदा से मांगूंगा उम्र बीती सलाह करने मे ---*---*---*--- खाट पकड़ी लो टिक गया अब तो रात काटी कराह करने मे ---*---*---*--- अब बुढ़ापे को देख घबराया रो रहा है निबाह करने मे ---*---*---*--- मौत आ ही गई उसे अकरम वो रहा बस पनाह करने मे ---*---*---*--- ➖️Shayer Akram Tyagi ©Akram Tyagi The Poet जिंदगी को तबाह करने मे #ग़ज़ल #Akramtyagishayri #hindi_shayari #gazal SenZer