कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है मैं तुझसे दूर कैसा हूं, तू मुझसे दूर कैसी है ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है dil samjhta hai kumar viswas