कà¥à¤¯à¤¾ लिखूठरखता हूं ख़ुद को खामोश और चिंतनशील ये सोचकर , कभी लबों पर मीठे बोल फूटेंगे । कभी मिलेगा हमें नसीब से ज्यादा ।। छोटी छोटी उपलब्धियों या उपहारों पर, मुस्कुराने से क्या फ़ायदा ?? जिन्दगी एक जंग है, लड़ाई हर सांस के लिए । कोई रखे तो कैसे रखे जगह दिलों में एहसास के लिए ?? चलो माना राजेश , नहीं बचा सके वक्त सभी के लिए । कुछ तो वक्त बचाना चाहिए था तुम्हे, तुम्हारे अपने खास के लिए ।। अपनी ही उलझनों में उलझकर, भुल जाते हैं लोग अपना ही वायदा । छोटी छोटी उपलब्धियों और उपहारों पर मुस्कुराने का क्या फ़ायदा?? ©Rj_Rajesh_बली #PoetInYou