[#"आसमा कुछ तो बोल" Do read it slowly] ए आसमा कुछ तो बोल, या फिर हुनर के दरवाजे खोल.... अरे,,, ए मेरे आसमा कुछ तो बोल, या फिर अपने हुनर के दरवाजे खोल.... साजिश के तेरे बड़े मजेदार मोल, कभी धूप तो कभी तेरे बारिश के झोल.... सूरज भी निकले चांद भी निकले, आंगन में तेरे तारे शामों को बिखरे.... आशिक भी तुझसे हुआ हैरान खड़ा है, 💚चांद💚 में तेरे यूं निखरा पड़ा है.... दुखियो की 💚ख्वाईशे💚 भी तु सुनता बड़ा है, टूटता तारा भी तेरे खातिर क्या खूब लड़ा है.... ज़मीन के टुकड़े याहा बंजर पड़े है, धरती में जैसे खंजर गड़े है.... और आस भी तुझसे सबको बड़ी है, उम्मीद भरी नज़रे भी तुझपे गड़ी है.... इन सब के वास्ते कुछ तो बोल, ए मेरे आसमा कुछ तो बोल....!! "ए मेरे आसमा कुछ तो बोल"...!! . . . . . #31thquote #hopefulsoul