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बीच मे पर्दा न रख, मै कोई गैर नहीं इश्क किया तुमसे

बीच मे पर्दा न रख, मै कोई गैर नहीं
इश्क किया तुमसे,मुझे कोई बैर नहीं।

तेरी आवाज़ मे झलकती शोखियां,
तस्सबुर तेरा ही करता हूँ मै पिया
बुरा जो तेरा चाहूं, तो मेरी खैर नहीं।
बीच मे पर्दा न रख, मै कोई गैर नहीं.

बजा दे कभी अपने पायल कँगना
आकर सनम कभी मेरे अंगना
करनी नहीं अब मुझे ख़्वाबों में सैर नहीं।
बीच मे पर्दा न रख, मै कोई गैर नहीं

©Kamlesh Kandpal
  #prdaa