मेरे नाहक इस जीवन में, उम्मीद ज़रा कायम कर दो। मन में मेरे कुछ करने की, उत्साह ज़रा मुझमें भर दो। हम करुणा की अरज़ी लेकर, अधिवास तुम्हारे आए हैं। हे प्रभु तुम्हारी शराणो में, हम दास तुम्हरे आए हैं। -रूद्र प्रताप सिंह नाहक*: व्यर्थ अरज़ी*:Request अधिवास*: Place where someone lives in