तुम रात सी, मैं दिन सा... शाम को पल भर, नारंगी हम हो गये...। तुम बूंद सी, मैं बादल सा... सावन को जलमग्न, बारिश हम हो गये...। तुम इत्र सी, मैं समीर सा... फिज़ा को महकाकर, गुमशुदा हम हो गये...। तुम रोशनी सी, मैं दिये की लौ सा... अंधेरे को छूपाकर, रोशन हम हो गये...। तुम चांद सी, मैं इक तारा सा... पूर्णमासी को रातभर, चांदनी हम हो गये...। तुम रेत सी, मैं सीप सा... समुंदर के किनारे पर, मोती हम हो गये...। तुम इनायत सी, मैं रिआयत सा... एक दूजे के घांव के, मरहम हम हो गये...।। #nojoto #रात #रेत #नारंगी #मरहम #सावन #बारिश