दो पंक्तियो में सत्य की परिभाषा; सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के वसूलो से, कि ख़ुश्बू आ नहीं सकती कभी कागज़ के फूलो से। #सत्य की परिभाषा #kumaritesh