तेरी छवि अब धुंदली होने लगी होगी तेरे यादों से भी अब समझौता करने लगे होंगें लेकिन दिया बुझता नही है वो जो रौशन दिल को करे तेरे से जुड़ा मेरा तार को तो सलामत खुदा करे। यादें तो बस आईना है मन का इसका ऐतबार क्या धुंदली भी होती है तो, रौशनी से जगमगा भी उठती है तो क्या हुआ अगर धूल के पहरे पड़ने लगे है यादों पर तू तो बस साथ चल कदम कदम मिलाकर चल। इस दुनिया से उस दुनिया तक जो रिश्ता तुम निभा रहे हम भी क्या कोसिस कुछ कम कर रहें कुदरत भी हैरान है ये आलम दोस्ती का देख, ऐ दोस्त देखने वाले भी सर झुकाकर सजदा कर रहें। चल आ फिर से एकबार दौड़ पड़े तेरे साथ उस मंजर में कुछ दूर तू निकल मेरी तरफ और कुछ दूर मैं भी चलूँ जी लूं तेरे साथ ज़िंदगी एक और बार भरपूर होकर फिर जो सजा तुझको मिले या मुझको मिले चल आ मिला हातों से हात जहां भी चले एकसाथ चले तेरे साथ चले। #RK (R.SHARMA) #दोस्ती #frndshp #Yandain