नदी का मुहाना छू ना पाये, ऐसा बनाया था खुद को, बरसात में भी भीग ना पाये, ऐसे सम्हाला था खुद को, जलती चिंगारी से बचकर निकल पाये, ऐसे सँवारा था खुद को, पर जमाने के हर सर्कस में, बचा ना पाये खुद के वजूद़ को ! kanchi # Nothing 😐 but # Everything 😄