गुजारिश है तुमसे वतन के ठेकेदारो, की रंग है जो दो केसरिया और हरा, तो उन्हें बस तुम रंग ही रहने दो, न खींचो उनसे नफ़रत की लकीर ऐसी, की सोच पड़े होली और ईद साथ मनाने वाले श्याम और अब्दुल्लाह भी अब, की जाऊंगा उसके घर अब तभी जब पहले उसको कहने दो ll गुजारिश है तुमसे वतन के ठेकेदारो #communalpolitics गुजारिश है तुमसे वतन के ठेकेदारो, की रंग है जो दो केसरिया और हरा, तो उन्हें बस तुम रंग ही रहने दो, न खींचो उनसे नफ़रत की लकीर ऐसी, की सोच पड़े होली और ईद साथ मनाने वाले श्याम और अब्दुल्लाह भी अब,