तुम हो कुछ ऐसे की तुम्हे हमेसा साथ रखु तुम हो इतने करीब की तुम्हे धड़कन की आवाज़ रखु गीत बनो तुम संगीत बनो मेरे ग़जलो की लफ्ज़ बनो इस सर्दी वाली मौसम की तुम हल्की वाली धूप बनो तुम तो मेरी शाम वाली ओ अदरक वाली चाय बनो ना तुम हीर बनो ना मैं राँझा बनु ना तुम लैला बनो ना मैं मजनू बनु बनना है तो कुछ ऐसे बने तुम राधा बनो मैं कृष्ण बनु #shubham tiwary