रुको वहीं तुम रुको न पिघलो, प्रिय मिठास का पान करो स्वयं बनो कुल्फ़ी मलाई, प्रिय फ़िर आलोक आह्वान करो पाना है तुमको पीना है बूँद-बूँद तेरे लय को, जाना है तुमको जीना है मूँद-मूँद तेरे नय को इसीलिये कहता हूँ रुक कर, प्रिय मधु मय सन्धान करो धीरे-धीरे पिघलो होंठों को पय से मधुमान करो #मलाई #कुल्फ़ी #प्रिय #प्रेमपुष्प #होंठ #पिघलता_इश्क़ #जीवनधारा #हमतुम