ये हवा में आज कैसी है बू मिली हुई लगती है किसी के ख़ून से फिर ये भीगी हुई क़त्ल-ओ-ग़ारत से है हर मंज़र यहां सना हुआ आदम के जंगल में इंसानियत लड़खड़ा रही है ख़ुद को तलाशती हुई Musings - 21/4/19 #Srilankan Church killings on Easter