मैं तेरा प्यासा प्याला, बनके मूरली वाला, आपने ही अंदर मिली मूझको छन_छनकती मुद्रभाव की हाला, मै गाऊँ कभी कबीरा ओर मिरा बाई की हाला... आपने ही धूंन मै रहती हैं आपनी मन की हाला...!! शशी_Dil.. se.. re..