तसल्ली से पढ़े होते तो समझ में आते हम, ज़रूर कुछ पन्ने बिना पढ़े ही पलट दिए होंगे तसल्ली से पढ़े होते तो समझ में आते हम, ज़रूर कुछ पन्ने बिना पढ़े ही पलट दिए होंगे