मैं कौन हूँ, किस काम का, सारे जहाँ से पूछ क्या छोड़ कर मैं जाऊँगा मेरे निशाँ से पूछ हर-दम दिया सब कुछ, मगर पाया नहीं ईनाम दिल में है क्या मायूसी मेरे राज़-दाँ से पूछ सब साथ चले थे ना जाने कैसे बिछड़ गए छूट गया या छोड़ा गया ये कारवाँ से पूछ जीता रहा ये ज़िंदगी उसूलों के मुताबिक़ बचता हूँ या मरता हूँ मेरे पासबाँ से पूछ घर लौट के जाना भी अब मेरे हाथ में नहीं 'जग्गी' मुझ को पनाह देगा, ये मेरे मकाँ से पूछ ©Jagjeet Singh Jaggi... ख़्वाबगाह...! #पनाह