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अकेलापन साँसों के आरजू दिल में मचलते है जहां के सभ

अकेलापन
साँसों के आरजू दिल में मचलते है
जहां के सभी गम दिल पे गुजरते है।
मुश्किलों से मिलना भूल गया हूँ
दूसरो की गलतियों को कबूल किया हूँ।।

अपने बदलते रिश्ते और मजबूरियों को क्या सुनाऊ
ऐ जिंदगी,

अकेलापन साँसों के आरजू दिल में मचलते है जहां के सभी गम दिल पे गुजरते है। मुश्किलों से मिलना भूल गया हूँ दूसरो की गलतियों को कबूल किया हूँ।। अपने बदलते रिश्ते और मजबूरियों को क्या सुनाऊ ऐ जिंदगी,

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