फुरसत मिलती है जो दिन भर की उलझनों से रात में मैं सारी शिकायत और दर्द शायरीयों में कह देती हूँ ...!! यूँ समझ लो दोस्तों,,, कि मैं खुद से खुद को सबक देती हूँ!! क्या शिकायत,क्या उलझन,कैसी हताशा कर के अनदेखा बहुत कुछ ,फिर सुबह उठ कर खुशी से जिन्दगी के साथ चल देती हूँ..!! #क्यूँकि#जीना#इसी#का#नाम#है#Nojotohindiwriting# Varsha Singh Baghel(शिल्पी)