#अब_के_बरस_सावन_में साजन के संग संग, अंग अंग चिपक चिपक, भींगे हम संग संग, गाएं सावन की मल्हार, ओ साजन भींगे, सावन की बरसात में, टकराए बदरा, चमके बिजुलिया, डर से चिपक जाऊं, तुझसे संवरिया, अब के सावन में, आओ संवरिया.! #अजय57