एक नए जीवन की आस लिए, एक मोहक मुस्कान लिए। एक कली वन खिला है जो, वह कल के जीवन की आस लिए।। वन उपवन पावन किए, सुगन्धित हर मौसम किए। जीवन भर संघर्ष किए, नव फल का तब निर्माण किए।। वेदना ह्रदय में तुम लिए, कष्टपूर्ण जीवन तुम जिए। फिर भी तुम कोमल रहे, फिर भी तुम कोमल रहे....।। विवेक सोनकिया ©vivek sonakiya #kvita #Kvi #kavi #lekhak #Flower