ठान लिया अब हमने मन में उड़ान सपनों की भरने का आगाज़ करना है। कोई साथ दे ना दे निकल पडूंगी, अकेले उन्मुक्त गगन में उड़ने को। खामोशियों में यूं जिंदगी ना गुजारेंगे, हम भी अब अपना जीवन संवारेंगें। 🎀 Challenge-328 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 40 शब्दों अथवा 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।