तेरी भी रूह रूक़सत लेली ज़िस्म भी ख़ाक़ में मिल गयी। सबको हँसाकर ये मुशाफिर रुलाकर चला गया।। Tere jane ka gam h Magar teri yaden khone ka nhi.।। #राहत_इंदौरी_साहब #राहत_चले_गए