#गृह-कल/#बहनें "मात, सखा का दर्पण बहनें, गृह-कल का संधारण बहनें, पापा के लब की मुस्काने माँ खुशियों का कारण बहनें, मार, कुटाई, झगड़ा, करती भ्रात खता का चित्रण बहनें, भौजी की चीज़ों में हिस्सा, बन्दर बांट उदाहरण बहनें, ख़ुद ही पीटे ख़ुद ही रोये अलग तरह का मिश्रण बहनें, गम सारे चुप-चुप कर पीती, जज़्बातों की धारण बहनें, जीवन-भर श्रम साधक रहती, सारे घर की तारण बहनें, दादा जी के मन की चाबी, दादी पीर निवारण बहनें, गोविन्द सफलता की कारक, मानो 'चन्द्रा चारण' बहनें।" #चारण_गोविन्द #भाई_दूज #बहन #बधाइयाँ #चारण_गोविन्द #govindkesher #CharanGovindG