मन करता हैं जिंदगी की मुश्किलों से अब जी बहलाने का ख्वाहिशों के समंदर में उठती लहरों के खिलाफ़ जाने का वो कोसेगा हर टीस पे क्युंकि अभी हिज्र का घाव हरा हैं, नफ़रत हो नहीं रही उसे और मोहब्बत से भी ना उबरा हैं चाहतों को यूंही जाया कर देना हमें बेईमानी-सी लगती है उसकी इजहार-ए-मुहब्बत की आदत पुरानी-सी लगती है बदलना चाहूँ किसी शख़्स को मेरी फ़ितरत में शामिल नहीं मंजूर नहीं पर वो लोग भी जो अपनी बातों पर मुस्तकिल नहीं ©Aanchal tripathi #Love #Shayari #mohabbat #dilse #meripehlimohabbat #Zindagi_Ka_Safar #kuch_apni_kalam_se #Mere_alfaaz #aanchal_tripathi #apart