मैं मौत को भी हंसकर अपना लेता, काश मैं तुम्हारे साथ खड़ा हो पाता , यहां तो हम ही दलदल में फंस गए, ना जाने कैसे इतना बड़ा गुनाह कर गए.. - प्रसेनजीत #पैन