जिंदगी वक़्फ़-ए-कशमकश हैं, अपने कर्मो का मुकद्मा अकेले लड़ना पड़ता है ।। मुशाबिहट सिर्फ इतना है, जब लहज़ा उन्हीं का था हमारी ज़ुबा पर।। मुशाबिहट सिर्फ इतना है, एक दिन जनाज़ा उस अमीर और उस गरीब दोनों का ही होगा ।। #कश्मकश #जिन्दगी #कर्मोकाखेल #yqbaba #yqdidi #yqhindi #prnkquote #priyushh मुशाबिहत- Similarity Vakf-eh- kashmkash- pause of dilemma