चलो भीगते हैं रंग में सबके ही संग में चलो नाचते हैं झूमते हैं डूबते हैं भंग में देखो रंग उड़ाते हुए निकली वो टोली है क्योंकि…, क्योंकि आज ही तो होली है देखो भौजी-देवर और जोगिया-जोगीरा को देखो थाप देकर झूमते उन्हें ढोल-मंजीरा को सुनो भाषा में शरारते हैं रंग वाली बोली है