Impossible अगर हम चाहते हैं कि हमारी प्रतिभा सितारों जैसी आभायमान हो और हर व्यक्ति हमें एक विशेष ओहदे पर विराजमान देखे।तो इसके लिये सर्वप्रथम हमें लोहे जैसा बनना होगा,जिसे पहले समय की तपिश में जल के लाल होना पड़ेगा,उसके बाद वक्त के हथौड़े की चोट सहनी पड़ेगी।इस प्रकार जब हम समय की प्रयोगशाला में उसकी परखनली से होकर गुज़रेंगे तो स्वभाविक रूप से हमें सफलता का मीठा रस पीने मिलेगा।क्योंकि इस तमाम प्रक्रिया के दौरान मालिक हमें वो रूप प्रदान करता है जिसकी लालसा लिये हम अपने कार्य का श्रीगणेश करते हैं।जिस प्रकार एक लोहार गर्म लोहे को पीट-पीट कर उसे अपनी इच्छा अनुरूप आकार में ढाल देता है।ठीक उसी प्रकार हम भी स्वयं के परिश्रम और प्रभु के सहयोग से अपने अनुरूप ढल जाते हैं। #nojotohindi#MeriKalamSeRajSargam#सफलता