अश्रु बहाकर थक गये हैं नैन, बाट निहार रहे प्रिय घनानन्द की, रसना को लगन लगी नामजप की, नित राधेश्याम की रटन लगी, तुमको कब सुधि होगी अपने चातक की, अब तो आन लगो गिरिधर मुरारी, मोहे रट लगी तेरे दरशन की। #राधेकृष्ण_राधेकृष्ण_राधेकृष्ण #yourqutes #yqdidi