ख़ामोशीं से थककर दीवारों से बातें करना यानी उन रातों का थककर फिर से रातें करना दुनिया बीमार-ए-इश्क समझ बैठी तो क्या कीजे हमनें तो अब तक चाहा था बस दों बाते करना -शेखर ##nojoto##khamushi##shekharpoetry