पता नहीं सही कर रहें या ग़लत , विचारे कुछ और थे अपनाया कुछ और; पता नहीं सही कर रहें या ग़लत।। सपने सजाए थे जो इतने रात जग के और अब सब को खोता देख , पता नहीं सही कर रहे हैं या ग़लत ।। जिनको सब कुछ माना उनके लिए निरंतर आस्था न रख पाया, पता नहीं सही कर रहे हैं या ग़लत । सबकुछ छोड़ के बस नई शुरुआत की ओर कदम रखना चाह रहे हैं , पता नहीं सही कर रहे हैं या ग़लत।। किसी को खो देने के डर से अपनी आकांक्षाएं भूल जाना , पता नहीं सही कर रहे हैं या गलत।। सब कुछ समझने के बावजूद सब कुछ से अनजान होकर , पता नहीं सही कर रहे हैं या गलत।। उनकी जिंदगी मैं एक छोटा सा हिस्सा बनना और अब खुद के लिए एक अलग जहां बनाना, पता नहीं सही कर रहे है या गलत।। अपने आप को उस परिस्थिति में फिर से धकेलना जहां से हम बहुत आगे आ चुके थे, पता नहीं सही कर रहे हैं या गलत।। उनकी एक मुस्कान के लिए सारे जहां से लड़ जाने को तैयार रहना और उसी मुस्कान की लालिमा को कम होता देख, पता नहीं सही कर रहे हैं या गलत।। खुद को खुद से ही अलग करके अपने ख्वाहिशों को चूर चूर होते देखना, पता नहीं सही कर रहे हैं या गलत।। पता नहीं सही कर रहे हैं या गलत लेकिन अब वही कर रहे हैं जिससे हम दूसरों को कभी तकलीफ ना पहुंचा पाए , खुद के लिए तो सब सोचते हैं समय है कुछ अच्छा करें दूसरों के लिए😊 #yesstillthesamebutiwillbeachangedperson #everythingmatters #yqquotes #yqhindi #yqfailedlove #tryingtoadapt #yqdidi #yqdada