Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रिय, फरवरी जा रही है..पर यह मौसम बना रहेगा

प्रिय,
     फरवरी जा रही है..पर यह मौसम बना रहेगा कितना सुखद मौसम है ना ज्यादा सर्दी है और ना ही गर्मी की चुभन,एक मखमली सा एहसास है..मैं यह पत्र तुम्हें तब लिख रही हूँ जब यहाँ कौवे की आवाज है, सफ़ेद रंग के पंछी खेतों में विचर रहे हैं बिजली के खंबे पर लगी तार में गौरैया और उसके छोटे-छोटे बच्चे अपनी भाषा में बात कर रहे हैंं। और सरसों अब फूल से बीजों की तरफ बढ़ चुकी है,छत की बाउंड्री पर टंगे छोटे-छोटे हैंगिंग गमलों में लाल,गुलाबी,सफेद और नीले रंग के फूल मुझे तुम्हारा ही चेहरा याद दिलाते हैं।नहा कर धूप के आँचल में बैठी हूँ उड़ने की कोशिश करते बालों में अभी भी पानी की बूंदें टपक रही हैं और और बहते हुए से तुम भी...कभी हवाओं की छुअन से मेरे गालों को छू जाते हो कभी रेशमी किरणों से रोम रोम को सुकून पहुँचाते हो...बहुत हल्का सा आभास हो रहा है आज जैसे बहुत दिनों से कुछ कहना हो और वह कह दिया गया हो;यह शायद तुम्हें पत्र लिखे जाने से मिले असीम आनंद की अनुभूति है।
प्रेम में पड़ा हुआ आदमी हद से ज्यादा बेवकूफ़ होता है
 यह जानने के बावजूद कि उस लोक के डाकिए अभी तक नहीं बने चिट्ठियाँ लिखवाता रहता है... 
प्रिय प्रेम का विज्ञान तर्कों से परे है!

                                                                         तुम्हारी 
                                                                      अनाम #scienceday 
#प्रेम_का_विज्ञान 
#बेवकूफ़ियत
#pc_byअनाम 
#lettersforप्रिय
प्रिय,
     फरवरी जा रही है..पर यह मौसम बना रहेगा कितना सुखद मौसम है ना ज्यादा सर्दी है और ना ही गर्मी की चुभन,एक मखमली सा एहसास है..मैं यह पत्र तुम्हें तब लिख रही हूँ जब यहाँ कौवे की आवाज है, सफ़ेद रंग के पंछी खेतों में विचर रहे हैं बिजली के खंबे पर लगी तार में गौरैया और उसके छोटे-छोटे बच्चे अपनी भाषा में बात कर रहे हैंं। और सरसों अब फूल से बीजों की तरफ बढ़ चुकी है,छत की बाउंड्री पर टंगे छोटे-छोटे हैंगिंग गमलों में लाल,गुलाबी,सफेद और नीले रंग के फूल मुझे तुम्हारा ही चेहरा याद दिलाते हैं।नहा कर धूप के आँचल में बैठी हूँ उड़ने की कोशिश करते बालों में अभी भी पानी की बूंदें टपक रही हैं और और बहते हुए से तुम भी...कभी हवाओं की छुअन से मेरे गालों को छू जाते हो कभी रेशमी किरणों से रोम रोम को सुकून पहुँचाते हो...बहुत हल्का सा आभास हो रहा है आज जैसे बहुत दिनों से कुछ कहना हो और वह कह दिया गया हो;यह शायद तुम्हें पत्र लिखे जाने से मिले असीम आनंद की अनुभूति है।
प्रेम में पड़ा हुआ आदमी हद से ज्यादा बेवकूफ़ होता है
 यह जानने के बावजूद कि उस लोक के डाकिए अभी तक नहीं बने चिट्ठियाँ लिखवाता रहता है... 
प्रिय प्रेम का विज्ञान तर्कों से परे है!

                                                                         तुम्हारी 
                                                                      अनाम #scienceday 
#प्रेम_का_विज्ञान 
#बेवकूफ़ियत
#pc_byअनाम 
#lettersforप्रिय