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एक दूसरे के सुख दुःख में सदा संग रहना चाहते हैं, अ

एक दूसरे के सुख दुःख में सदा संग रहना चाहते हैं,
अथाह समुन्दर नहीं हम नदिया ही रहना चाहते हैं..!

नहीं चाहिए छल का खज़ाना हमें ईमान साफ़ रखना चाहते हैं,
आये कितने भी तूफ़ान और सुनामी हम शान्त जल सा बहना चाहते हैं..!

रह लेंगे रेगिस्तान में भी एक दूसरे के संग,
बिन एक दूसरे के कहीं न रह पाएंगे कहना चाहते हैं..!

बंजर जमीं समझो इश्क़ हमारा या समझो जवां हरियाली इसे,
मोहब्बत में मोहब्बत को ख़ुदा बना मंदिर इश्क़ का बनाना चाहते हैं..!

©SHIVA KANT
  #ekdujekeliye