ये एक दूसरे पर इल्ज़ाम भी खूब लगायेंगे और खुद का मज़ाक भी उड़ायेंगे। ये तो चुनावी ज़ंग है साहब, ये नेता गधे को भी बाप कहने से नहीं कतराएंगे। ये जनता को भी ख़ूब भड़काएँगे और हिन्दू-मुस्लिम के नाम पे भी लड़ाएंगे। पर देखना ये चुनावी जीत के बाद खुद बैठकर सब एक ही थाली में खायेंगे। कहीं पे ये जनता में पैसे खूब गिरायेंगे तो कहीं पे कपड़े-दारू तक बटवाएँगे। ये चुनावी बाजार है साहब, ये नेता तो खुद के घर वालों को भी बेच खाएंगे। अभी तो एक - एक वोट की खातिर ये जनता के सामने हाथ तक फैलाएंगे। पर चुनाव तो जीतने दो साहब, ये दुबारा आपको कभी नज़र भी ना आएंगे। अभी तो खुद को ब्राह्मण-क्षत्रिय-वैश्य-सूद्र, तो कोई चौकीदार तक बताएंगे। पर देखना चुनाव बीतते ही, कैसे ये सब चौकीदार खुद मालिक बन जाएंगे। फिर से होंगे इनके वही पुराने जुमले, नहीं कोई बदलाव ये उनमें लाएंगे। ये नेता है ज़नाब, कहेंगें तो बहुत कुछ, पर कर के कुछ भी ना दिखाएंगे। अब जनता ये तय करें कि किसके हाथ में इस देश की बागडोर थामायेंगे। क्योंकि ये नेता तो नहीं सुधरेंगे, चुनाव के बाद फिर वही रवैया अपनायेंगे। चलिए अब हम तो बस यहीं तक लिख कर अपने शब्दों पे विराम लगाएंगे। पर निवेदन आप सभी से कि वोट देकर कम से कम अपना फर्ज़ निभाएंगे। #indianpolitics #politicians #election2019 #loksabhaelection2019 #ap14897