तुम... चले आना चले आना... जब भीड़ में भी तन्हा लगे मन और घेरने लगे उदासियाँ जिंदगी की तेजी में तुम वहीं ठहरी रहो और मरने लगे ख्वाहिशीयां तो मैं जीवन के रंगों को तेरे लिए समेटता वहीं मिलूंगा तब तुम चले आना... चले आना..!!