बड़ी बेदर्द बातें थीं, मगर सब सह गये थे हम l सुना चुप-चाप ही सब कुछ, ना कुछ भी कह गये थे हम l ये कैसा फैसला उनका, हमें दो राह पर छोड़ा, निकाले ना गये दिल से, न दिल में रह गये थे हम ll मेरी खामोशियों से तुम, मुझे कमजोर मत समझो l तुम्हारा न सही फिर भी किसी का और मत समझो l दुखे दिल न किसी का, इसलिये सच को छुपा बैठे l नहीं कहता मैं सच्चा हूँ, मगर तुम चोर मत समझो ll बहाये अश्क जो तुमने, उन्ही में बह गये थे हम l अधुरे से सलामत थे, अधुरे ढह गये थे हम l ये कैसा फैसला उनका, हमें दो राह पर छोड़ा, निकाले ना गये दिल से, न दिल में रह गये थे हम ll #Anil_kr...✍️@Selfwritten बड़ी बेदर्द बातें थीं, मगर सब सह गये थे हम l सुना चुप-चाप ही सब कुछ, ना कुछ भी कह गये थे हम l ये कैसा फैसला उनका, हमें दो राह पर छोड़ा, निकाले ना गये दिल से, न दिल में रह गये थे हम ll मेरी खामोशियों से तुम, मुझे कमजोर मत समझो l तुम्हारा न सही फिर भी किसी का और मत समझो l दुखे दिल न किसी का, इसलिये सच को छुपा बैठे l