थामने को हाथ एक हाथ बढ़ रहा है, दिन-ब-दिन उसका खुमार चढ़ रहा। दिल में शोर फ़िर भी ज़ुबाँ ख़ामोश है, क्या जाने अभी बाक़ी जो मैं पढ़ रहा। #shamaurtanhai #365days365quotes #17/365 #khamosh #zuban