Written by Harshita ✍️✍️ सुकून ए दिल , तहे दिल से तालिमं सिखा दे, इल्म था सुकून ए महफ़िल सजाते रहे, मासूमियत सी मोहब्ब्त ए इज़हार किया करते है, मदहोशी के भी मोहताज तुम्हारे इशारों ए वक़्त का किया करते है। बेवक्त बदलते रिश्ते में ऐतबार ए इश्क़ किया करते है। खुरापाती अगाजो से दूर ख़ुद को सलामत किया करते है। तमाम लोगों में तुझे जाने ए जहां तक जिया करते है। सलामत दिल के कोने समाए दिल ए नादान किया करते है। #deepthoughts #Poetrystage Written by Harshita ✍️✍️ सुकून ए दिल , तहे दिल से तालिमं सिखा दे, इल्म था सुकून ए महफ़िल सजाते रहे, मासूमियत सी मोहब्ब्त ए इज़हार किया करते है, मदहोशी के भी मोहताज तुम्हारे इशारों ए वक़्त का किया करते है।