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|| एकांत || अंत ही आरंभ है, वासना ही मोह है, इच

|| एकांत ||

अंत ही आरंभ है, 
वासना ही मोह है, 
इच्छा ही लालच है, 
समझ ही ज्ञान है 
अपेक्षाएं दुख है, 
एकांत ही सुख है ।।

©शैलेन्द्र यादव
  || एकांत ||

अंत ही आरंभ है, वासना ही मोह है, इच्छा ही लालच है, समझ ही ज्ञान है अपेक्षाएं दुख है, एकांत ही सुख है ।।

|| एकांत || अंत ही आरंभ है, वासना ही मोह है, इच्छा ही लालच है, समझ ही ज्ञान है अपेक्षाएं दुख है, एकांत ही सुख है ।। #विचार

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