करु मैं वन्दना तेरी ये मां वीणावादिनि तू ही स्वर की है देवी मां विद्यादायनि । अज्ञान का अंधेरा है हर जगह छाया ज्ञान का प्रकाश मां तेरे पास ही पाया । कर दे! सभी भारतीयों का ज्ञान ज्योति प्रज्ज्वलित। तू ही ...........…..... विद्या दायनि । हूं धनवान मगर धन का कोई मोल नहीं है। है परिपूर्ण ऊर्जा शक्ति मां, मगर सद्प्रयोग नहीं है। दृष्टि दया कर दे , मां कमल वासिनि। तू ही.........….... विद्या दायनि । न श्वेत कमल है मां न कंठ सुर है कैसे करु पूजा तेरी न सुगन्धित सुमन है । बस S.N.की लेखनी से है मां तूझे दो शब्द समर्पित । तू ही ..........…... विद्या दायनि । 📝कवि-S.N.Mishra"isroulvi" 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सभी मित्रों को बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं । happy basant panchami