एक दिन पूछा ज़िंदगी से.... तू क्यों आती अगर जाना ही है.... क्यूं दिखाती खुशियों का सपने..... अगर ग़म देकर सताना ही है..... क्यूं दिलाती विश्वास तू मन में..... अगर उससे तोड़ना ही है....... क्यूं दिखाती कोई मंज़िल तू मुझको.... अगर रास्ता मोड़ना ही है..... तू ही दिखाती सौ रंग सबको..... तू ही बेरंग बनती है... तू ही सुनाती मधुर गीत कभी... कभी कानों में ज़हर घोल जाती है... क्या करुँ उस अपनेपन का.... जो एक दिन खोना ही है.... क्यूं हँसाती कुछ देकर तू सबको... जब एक दिन रोना ही है.... क्यूं नहीं देती शांति सबको..... कहाँ छुपाई संतोष को...... क्यों दिलाया जीवन में ये सब.... जब एक दिन खाली जाना ही है.... #yqbaba #yqdidi #एक_सवाल #YoPoWriMo