कभी किसी के दर्द को अपना दर्द समझा है क्या, अरे, कुछ तो बोलो यार, तुम बोल हिं नहीं सकते समझ क्या खाक पाओगे l तुमने,दर्द खाई कहाँ जीवन में। ओ,ऐसो आराम के दरवाजे के पीछे चैन से सोने वालो सुन लो एक बात हमारी आज, दर्द एक पंछी होती है साहब जो आसमां के हर कोने में उड़ती है देर सबेर,पर उड़ती है, आपके वो ऐसो आराम के दरवाजे भी कभी कभी ना जरूर खुलेंगे साहब। तब हम मुस्कुराएंगे, आप रोओगे, आप जमाने को कोसोगे, पर हम तो यूं हिं मुसकुराएंगे ... #nojoto#nojotoquotes#life#love#inspiration#poem#nojotoofficial#poetry#writer#shayari