प्यारे दोस्त गहरी दोस्ती का अपना उसूल होता है, इसका सबसे न्यारा रुल होता है। हिम्मत ज़रा जुटाओ इसका भार उठाओ, इसमें जो भी खर्चा वो वसूल होता है। तालाब हो बेशक सुखा गर्मी ने जिसको फूंका, दोस्ती का भरा फिर भी स्विमींग पूल होता है। हो कितनी इसमे गाँठें फिर भी जो कोई बाँटे, दोस्ती के खातिर वो भी कूबूल होता है। पैर जाए फिसल मुशकिल मे बीते पल, दिल को अच्छा लगने वाला वो भी भूल होता है। जो ये बात समझ ना पाए मत दो उसको राय, क्योंकि वो शक्स इंगलिश वाला फूल होता है। ©Dilip Thakur pyare dost #PoetInYou