अधूरी ख्वाहिशों का शहर रह जाएगा। कुछ भी नही तन्हा बसर रह जाएगा। दुआओं में अब भी उसे याद करता हूं, बेनाम इश्क का सफ़र रह जाएगा। ©मनीष कुमार पाटीदार #Bhoojh