खुदा की रहमत तेरी मेरी आँखों ने मिलके जो ख्वाब बुने वो बड़े प्यारे थे तेरी मेरी पाऊँ चले मिलके के दो पैरों तले तारे ही तारे थे सारी बातें मुझे याद हैं वो चाँद रातें मुझे याद हैं मुझे भी तेरे हाथों की नर्मियां याद हैं वो मासूम प्यारी सी बेशर्मियाँ याद हैं (याद है सब मुझे याद है सारी बातें मुझे याद हैं) याद है तुमको वो बरसातें जब मिलके हम भींगे थे क्यूँ अन्दर से आंच उठी जब बाहर से हम गीले थे कैसी थी वो बेफिक्री गुजरी फिर भी ना गुजरी ऐसी शामें मुझे याद हैं ऐसी बातें मुझे याद हैं कोई जान के जान से तो गुज़रता नहीं कभी अपनी मर्ज़ी से कोई बिछड़ता नहीं (याद है सब मुझे याद है सारी बातें मुझे याद हैं) ओह.. काँधे पे सर रख के तेरे सोयी थी मैं कितनी देर ढूंढ रही थी दुनिया मुझको खोयी थी मैं कितनी देर कैसी थी वो बेफिक्री गुजरी फिर भी ना गुजरी सारी शामें मुझे याद हैं सारी बातें मुझे याद हैं जो होठों से ना कह सका हर्फ़ भी तो है जो आँखों से ना बह सका दर्द वो भी तो है.. याद है सब मुझे याद है सारी बातें मुझे याद हैं बंजारन मूवीस जा ये सोंग