छोड़ो भी अब बहुत मनाना हो गया, तुमको रूठे एक जमाना हो गया। लिखते लिखते तुमको सदियां बीती, मेरा हर अशआर पुराना हो गया। चलो बता देता हूं मैं भी रोता हूँ, झूठ मूठ का हंसना हंसाना हो गया। ©Alok Garg Kumar Shukla #Nojoto #nojotohindi #nojotoshayari #nojotopoetry #kavishala #chhorobhiab #alokgargkumarshukla