लोग आते है जाते है अपनी मर्जी से दिल में मेरे, जैसे मेरा दिल नहीं कोई मयखाना हो गया है | जिसको समझा था कभी अपना, आज वो ही बेगाना हो गया है || कुछ लोग कहते हैं इश्क़ रूहानी है मेरा, अरे किस गलतफहमी हो साहब, | हर कोई रूहानी इश्क़ कर नहीं सकता, क्योंकि दुनिया में अब इश्क़ जिस्मानी हो गया है || log aate hai aate hai jaate