ये दिल का दर्द यूं सबसे छुपाये फिर रहें हैं हम बहुत गहरी यहां पे चोट खाये फिर रहें हैं हम मिरी जानां ज़रा सी बात पे रोने लगी हो तुम इन आंखों में समन्दर को बसाये फिर रहें हैं हम जिसे दिल में बसाया उसने ही धोका दिया हमको ये सारे ज़ख्म अपनों से ही खाये फिर रहें हैं हम नयनसी परमार