"नोंक-झोंक" कुछ भूंख सी लग रही है कुछ बना दो खाने को | टाई की नॉट ढीली करते हुए करन ने कहा | निशा "अरे खुद बना लो कुछ | मैं कुछ आर्टिकल लिख रही हूँ | आज एक अख़बार को भेजना है , "अभी- अभी कुछ देर पहले अख़बार के एडिटर रहमत भाई का फ़ोन आया था ,की जल्दी भेजो " करन ने निशा से कहा की एक कप चाय बना दो फिर लिखती रहना | बहुत थक गया हूँ आज !! निशा गुस्से में बोली आप कब नहीं थकते , जब देखो थके हुए से रहते हो !!